आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा गवरी नामक लोक नृत्य नाटिका का आयोजन किया गया। साथ ही राष्ट्रमाता पन्नाधाय वन स्थली पर 5 दिन के गणेश जी की भी स्थापना की गई
दिनांक : 20 /9 /2023 राजसमंद
राजस्थान की समृद्ध लोक परम्परा में कई ‘लोक नृत्य’ एवं ‘लोक नाट्य प्रचलित’ है। इन सबसे अनूठा है- ‘गवरी’ नामक ‘लोक नृत्य-नाटिका’। यह भील जनजाति का नाट्य-नृत्यानुष्ठान है, जो सैकड़ों वर्षों से प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के एक दिन पश्चात् प्रारंभ होता है, और फिर सवा माह तक आयोजित होता है। इसका आयोजन मुख्यत: उदयपुर और राजसमन्द ज़िले में होता है। इसका कारण यह है कि इस खेल का उद्भव स्थल उदयपुर माना जाता है तथा आदिवासी भील जनजाति इस ज़िले में बहुतायत से पाई जाती है।’गवरी’ भीलों का सामाजिक व धार्मिक नृत्य है। इस नृत्य का प्रचलन डूंगरपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर व सिरोही आदि क्षेत्रों में प्रमुखता से देखने मिलता है। यह गौरी पूजा से सम्बंधित है। इसमें नाटकों के सदृश वेशभूषा होती है तथा अलग-अलग पात्र होते हैं।
पिछले साल की तरह इस बार भी आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा यह गवरी नामक लोक नृत्य नाटिका का आयोजन किया गया। साथ ही राष्ट्रमाता पन्नाधाय वन स्थली पर 5 दिन के गणेश जी की भी स्थापना की गई। इस मोके पर आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट के अध्यक्ष नांजीभाई गुर्जर बताया के लोगो को पर्यावरण के प्रति जागृत करने और पर्यावरण सरक्षण हेतु व् अपने प्रयास जारी रखते हुवे राष्ट्रमाता पन्नाधाय वन स्थली का निर्माण कर रहे हे। साथ ही लोगो को पर्यावरण के प्रति जागृत करने हेतु विविध कार्यक्रमों का भी आयोजन करते आ रहे हे और आगे भी करते रहेंगे।
आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट के संस्थापक नानाजी भाई गुर्जर द्वारा गांव गंगासागर लखाजीकी भागल मादरेचो का गुड़ा ग्राम पंचायत कालिंजर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर पन्नाघाय वनस्थली पर पांच दिवसीय गणपति की स्थापना कि गई व मेवाड़ की प्रसिद्ध गवरी नृत्य मंचन किया गया जिसमें आस पास के ग्राम मीणो 700 से 800लोगो ने भाग लिया इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भंवर सिंह मादरेचा थे संस्था के कार्यकर्ता शंकर सिंह चदाणा देवीसिंह बल्ला तुलसीराम गुर्जर हिरासिह बल्ला ने भाग लिया संचालन शंकर सिंह चदाणा ने किया धन्यवाद देवीसिंह बल्ला ने दिया इस कार्यक्रम में कलींजर पंचायत पुव सरपंच घासीजी गुर्जर ने भी भाग लिया