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राजसमंद। माता पन्नाधाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने व पर्यावरण संरक्षण को लेकर आयोजित विचार गोष्ठी में मौजूद अतिथि एवं संभागी।

 

राजसमंद। माता पन्नाधाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने व पर्यावरण संरक्षण को लेकर आयोजित विचार गोष्ठी में मौजूद अतिथि एवं संभागी।

राजसमंद / कुंभलगढ़। कुंभलगढ़ उपखंड क्षेत्र के कालिंजर पंचायत के लक्खाजी की भागल में चल रहे रंग महोत्सव में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने शिरकत की। पन्नाधाय वनस्थली और पन्नाधाय मंदिर व प्रतिमा बनाने के प्रस्तावित स्थल का अवलोकन किया। साथ ही पन्नाधाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने की मांग का समर्थन करते हुए बैंसला ने राज्य व केन्द्र सरकार स्तर पर मुद्दा उठाने का वादा किया। बैंसला कालिंजर के लक्खाजी की भागल में प्रस्तावित मां पन्नाधाय मंदिर और प्रतिमा स्थल का अवलोकन किया। पन्नाधाय वन स्थली में पौधरोपण करने के बाद समारोह को संबोधित किया। समारोह में बैंसला ने पन्नाधाय मंदिर बनाने के लिए नानजीभाई गुर्जर द्वारा की गई पहल की प्रशंसा करते हुए महाराणा प्रताप के वंषज को भी एक ईंट लगाने का आह्वान किया। साथ ही गुर्जर समाज व अन्य ग्रामीणों से कहा कि वे पन्नाधाय से सीखे और बेटियों को उच्च शिक्षा देकर आगे बढ़ाए। साथ ही पन्नाधाय मंदिर, प्रतिमा और वनस्थली के विकास को लेकर तन, मन व धन से सदैव तत्पर रहने की बात कही। बैंसला ने कहा कि पन्नाधाय अगर अपने बेटे का बलिदान नहीं करती तो न मेवाड़ का वंश रहता और ना ही आजाद भारत की यह तस्वीर शायद हमें दिखती । पन्नाधाय ने खुद के बेटे का बलिदान का उदयसिंह को बचाया, जिससे महाराणा प्रताप ने जन्म लिया, जिन्होंने विदेषी आक्रांताओं की गुलामी को स्वीकार नहीं किया। बैंसला ने कहा कि पन्नाधाय का मंदिर व प्रतिमा बनना और राष्ट्रमाता का दर्जा की बात गुर्जर समाज नहीं, बल्कि आज देश की छत्तीस कौम को गर्व है इसलिए हर धर्म, समुदाय के लोगों को पन्नाधाय के आदर्ष को देखना व सीखना चाहिए। श्री आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट के द्वारा सतत् पर्यावरण अभियान के अन्तर्गत एक व्यक्तिः एक वृक्ष, वृक्ष लगाये, वृक्ष बचाए, प्रतिदिन पर्यावरण दिवस मनाये, पर्यावरण संरक्षण हम सभी की पन्नाधाय वनस्थली व प्रतिमा के लिए संयुक्त जिम्मेदारी है।

आज पन्नाधाय सबके लिए प्रेरक है

गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हरियाणा के पूर्व मंत्री अनन्तराम तंतर ने कहा कि पन्नाधाय का इतिहास किसी से छिपा नहीं है, जो गुर्जरी थी, जिसका उन्हें गर्व है, मगर जाति, धर्म से उपर उठकर एक राष्ट्रधर्म को देखना चाहिए, जो पन्नाधाय ने निभाया था। आज पन्नाधाय सबके लिए प्रेरक है और नानजी भाई गुर्जर द्वारा जो पहल की गई है, वह सबको गौरवान्वित करने वाली पहल है। अनन्तराम ने पन्नाधाय वनस्थली व प्रतिमा के लिए 1 लाख रुपए व्यक्तिगत स्तर पर देने की घोषणा की। मिशन न्यू इंडिया व नरेंद्र मोदी विचार मंच राष्ट्रीय संयोजक रवि चाणक्य ने कहा कि पन्नाधाय ने राष्ट्रधर्म निभाया है, जिससे सबको सीख लेनी चाहिए। पन्नाधाय के बलिदान को आज शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, जितनी बातें करें, उतनी ही कम है। इस दरान रणवीरसिंह चंदीला, सुखवीर नागर, सोहन गुर्जर उदयपुर, कालिंजर पूर्व सरपंच शंकरलाल गुर्जर, भगवतीलाल गुर्जर, नत्थूसिंह, नानजीभाई गुर्जर, सीए दिनेश सनाढ्य, भंवरसिंह चैहान, ललित चोरडिया, समाजसेवी डिम्पल गुर्जर सहित समाज के पदाधिकारी व ग्रामवासी मौजूद थे ।

 

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