- ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छ पानी की व्यवस्था करवाना और नये जल स्त्रोतों का निर्माण करवाना।
- अपने जनकल्याणकारी कार्यों हेतु प्रशासनिक आर्थिक सहयोग, सब्सिडी एवं सांसद या विधायक निधि से सहयोग प्राप्त करवाना और आवश्यकतानुसार बैंकों या प्राइवेट वित्तीय संस्थाओं से स्वयं सहायता समूह का गठन करवाके )ण उपलब्ध करवाने में सहयोग करना।
- बेटी – बचाओ, बेटी पढ़ाओ की तर्ज पर लोगों में जागरुकता फैलाना।
- शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु गरीब जरूरतमंद बच्चों हेतु शिक्षा की व्यवस्था कराना या आर्थिक मदद देना व बच्चों को शिक्षा क्षेत्र में प्रोत्साहन देना।
- कृषि के क्षेत्र में आधुनिक उपकरणों की उपयोगिता जनकल्याण हेतु सुनिश्चित करवाना व गरीब किसान को कम लागत में मुहैया करवाना।
- सस्ते व पर्यावरण अनुकूल उर्जा स्रोतों की जानकारी देना और उन स्त्रोतों की उपयोगिता सुनिश्चित करवाना।
- पर्यावरण शु(ीकरण हेतु पौधारोपण करवाना और पर्यावरण से होने वाले फायदों को जनता से अवगत करवाना और पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करवाना। पर्यावरण के रक्षार्थ वृक्षारोपण आदि करना एवं लोगों को इस दिशा में कार्य करने हेतु प्रेरित करना। साथ ही जल संरक्षण, भूमि संरक्षण तथा वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के क्षेत्र में भी सतत कार्य करवाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार हेतु लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करना व गरीब लोगो को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाना ।
- महिलाओ को वोकेशनल ट्रेनिग देना और उनके लिए रोजगार के साधन उपलब्ध करवाना ।
- कुपोषण के दुष्परिणाम एवं उससे निपटने के लिये जन चेतना,जनभागीदारी एवं सहभागिता की कार्ययोजना क्रियान्वित करवाना।
- गावों और कस्बो में सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन करवाना, समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने और जनजागृति हेतु गावों में पोस्टर प्रदर्शनी, चित्रकला प्रतियोगिता और सेमिनार का आयोजन करवाना ।
- धर्मशाला, प्याऊ, शौचालय, भवनों आदि जनकल्याणकारी निर्माणों को कराने हेतु लोगों को प्रेरित करवाना।