नान जी भाई गुर्जर का जन्म 1975 में राजसंद जिले के कालिंजर पोस्ट के ग्राम मादरेचो का गुडा में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। आपके पिता श्री भेरा जी व माता जी श्रीमती गंगा देवी की 6 संतानो में आप एक भाई एक बहन से छोटे है। गावं में पानी की कमी की कारण फसल ठीक से नही होने से परिवार का भरण पोषण ठीक से नही हो पा रहा था जिसके चलते नान जी भाई को मात्र 6 साल की बाल अवस्था में पेट भरने के लिए नाथद्वारा के बस स्टैंड पर चाय की दुकान पर कप प्लेट धोने का कार्य करना पड़ा। इसी बीच बड़े भाई की शादी जयपुर में हुई और आप जयपुर आ गए यहां भी आपने काफी संघर्ष किया और भाभी के सहयोग से कुछ प्रारंभिक अक्षर का ज्ञान भी कर लिया, किन्तु अधिक समय तक यहाँ रहने का अवसर नहीं मिल पाया ओर फिर वापस गांव आ गये। कुछ समय तक गांव में रहने के बाद बड़े भाई के साथ वलसाड़ ;गुजरातद्ध में सेठ भीमराज जी के यहाँ साफ सफाई, बर्तन चैके का काम करने लगे, चार वर्ष सेठ के यहाँ काम करने के दौरान आपकी मुलाकात युसूफ भाई इंजिनियर से हुई। उसने आपके अंदर छिपी प्रतिभा को पहचान कर आपको लेथ मशीन पर कार्य सिखाया, यहां सभी ने आपकी प्रतिभा व कार्य करने की लगन की तारीफ की, किन्तु यहाँ पर भी इनका मन नहीं लगा और ये ट्रेन में चाय बेचने का काम करने लगे और भाग्य ने फिर पलटी खाई और आप पुराने सेठ भीमराज जी के साथ उनकी नयी फैक्ट्री में वापस राजस्थान आ गए पर अधिक दिन तक सेठ के साथ पटरी नही बैठी और आप अपना स्वतंत्र मार्बल मशीनरी का कार्य करने लगे। लेकिन भाग्य में कुछ और ही लिखा था और आप एक बार फिर उमरगांव आ गए और रमेश कुमार हमेरलाल जैन ने आपको अधिक प्यार दिया और हर प्रकार से आपकी मदद की।
जैन परिवार के सहयोग के कारण आपकी प्रतिभा में और निखार आ गया आपको अपने कार्य का अच्छा अनुभव भी हो गया था जो अच्छी पगार पर कार्य करने और कुछ पैसा कमाकर उमर गांव में सम्पत्ति भी खरीद ली इसी बीच आपने शादी भी कर ली। देवी आशापुरा माता के नाम से लिफ्ट बनाने का छोटा सा कार्य भी शुरू कर दिया ये काम आपको खूब रास भी आया आशापुरा माँ की कृपा से फिर कभी पीछे मुड़कर नही देखा आज आपकी कंपनी नामी लिफ्ट कम्पनियो की लिफ्टों को भी टक्कर दे रही है और आपका वार्षिक कारोबार करोड़ो रुपयो का है ।
इन ऊँचाईयों के बाद भी नानाजी भाई को अपने बचपन में गावं में देखी समस्याओ को नही भूले और हमेशा आपका मन अपने गांव का विकास कैसे हो, कैसे गांव को पानी को मिले, रोजगार शिक्षा पर्यावरण समस्या के निदान हेतु नान जी भाई गुर्जर ने माता आशापुरा के नाम पर आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट की स्थापना 2015 में की और 2 अप्रैल से 6 अप्रैल 2015 तक गांव में एक बड़ी कथा और सांस्कृतिक कार्यक्रम रख कर ट्रस्ट के कार्यो की शुरूआत की। आपका सपना पन्नाधाय निर्मल मेवाड़ निर्मल भारत अभियान को पंख लगाने में कहीं.